Saturday, April 2, 2011

Lanka Dahan

लंका दहन 

आसमान में नया सवेरा, खुशियों का मंजर लाया है
पूरी दुनिया में भारत का, आज परचम जो लहराया है |
इंतज़ार बरसों का देखो, ख़त्म हो गया है यारों
जज़्बात के आंसूँ आँखों में और जोश नया अब छाया है |

विजय रथ की गाथा भारत की, आने वाला युग भी गायेगा
धोनी के रणबाकुरों का जज्बा, अब प्रेरणा स्रोत बन जायेगा |
गिरे उठे पर थके नहीं, आलोचनाओं पर न ध्यान दिया
इस खेल के प्रभु को आखिर में, उसके भक्तों ने ही वरदान दिया |   


शिवाजी की पावन नगरी में, लंका दहन जैसे ही हुआ
भारत माँ की जय के नारों से, अरबों के दिल को गर्व हुआ |
खेल से ऊपर धर्म है जो, उसके दीवानों से पूछो
कोई साधारण विजय नहीं, एक नए युग का है आरंभ हुआ |
                                                            - रूद्र

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