जगो, उठो, लड़े चलो, विजय पथ पे तुम डटे चलो
मुश्किलों को चीरते, तुम निडर चले चलो |
आन बान शान का, युद्ध बुद्धवार को
जीतना अवश्य है, बढ़े चलो बढ़े चलो |
शत्रु नया नहीं है वो, जिसने पीठ पे किये हैं वार
अतीत के हर युद्ध में, उसने सदैव पाई है हार |
आज कंगारूओं का कर शिकार, दुनिया को ये बताया है
जब भी हैं भारतीय एकजुट, शत्रु ना हमसे जीत पाया है |
कुरुक्षेत्र की महाभारत समान, धर्मयुद्ध की ये बात है
कृष्ण थे यदि पांडव संग, तो सचिन तुम्हारे साथ है |
धोनी के रणबांकुरों, है तुमको भारत माँ का वास्ता
मोहाली युद्ध को जीत लो, अब ये देश है पुकारता, ये देश है पुकारता |
-रूद्र
ati sundar rachna he
ReplyDeleteye worldcop anthem song hona chaiye....... aapki es kavta ne to jaise khoon me ubaal la diya......
ReplyDeleteNice poem Rudra bhai...
ReplyDeletethank u all:)
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