Sunday, March 27, 2011

Mohali Yudhh Jeet Lo

मोहाली युद्ध जीत लो 


जगो, उठो, लड़े चलो, विजय पथ पे तुम डटे चलो 
मुश्किलों को चीरते, तुम निडर चले चलो |
आन बान शान का, युद्ध बुद्धवार को
जीतना अवश्य है, बढ़े चलो बढ़े चलो |

शत्रु नया नहीं है वो, जिसने पीठ पे किये हैं वार
अतीत के हर युद्ध में, उसने सदैव पाई है हार |
आज कंगारूओं का कर शिकार, दुनिया को ये बताया है
जब भी हैं भारतीय एकजुट, शत्रु ना हमसे जीत पाया है |

कुरुक्षेत्र की महाभारत समान, धर्मयुद्ध की ये बात है
कृष्ण थे यदि पांडव संग, तो सचिन तुम्हारे साथ है |
धोनी के रणबांकुरों, है तुमको भारत माँ का वास्ता
मोहाली युद्ध को जीत लो, अब ये देश है पुकारता, ये देश है पुकारता |
  
                                                        -रूद्र
 





Friday, March 4, 2011

WAFA

वफ़ा   
तन्हाइयों मे बैठें हैं, ये तकदीर का फसाना है, 
तुम्हारी बेवफ़ाई ही, तुम्हे याद करने का बहाना है| 
सोचता हूँ दिल, चल किसी और का दामन थाम लूँ, 
मगर तुमसे किया वफ़ा का वादा भी निभाना है| 
कहा था हमसे कि ज़िंदगी के हर मोड़ पर साथ चलेंगे, 
हँसी नही बन सके तो क्या, अश्क बन कर रहेंगे| 
ज़ुल्फो के अंधेरो में, कभी हमारा दर्द समेटने वाले, 
सहर से शाम तलक, हम तेरा इंतज़ार करेंगे| 
तेरी तस्वीर के दीदार से ही, सारा मंज़र थम जाता है, 
तेरे संग बिताया हर एक लम्हा याद आता है| 
गर छोड़ना था हमें, तो अपना वादा ही निभाते, 
खुदा की उस दुनिया मे हमें भी साथ ले जाते| 
आज अपनी वफ़ा का आख़िरी वादा भी हमने निभाया है, 
बहते हुए इन अश्कों को अपनी आँखों मे सजाया है| 
शहीद--इश्क़ कहलाना कभी मंज़ूर ना था हमको, 
सो मिसाले--इश्क़ बनकर दुनिया को दिखाया है|